दोस्तो, मेरा नाम मोना है। मैं हैदराबाद में एक कंपनी में एम्प्लॉयी हूँ।
मेरी तनख्वाह मेरी जरूरतों के हिसाब से कम पड़ने लगी थी। इसीलिए अपने प्रोमोशन के चक्कर में मैंने अपने बॉस के साथ सम्भोग सम्बन्ध बना लिया था, जिससे मुझे प्रोमोशन तो मिला लेकिन मैं उनकी एक रांड बन गई थी।
इसके बाद से ये मेरा अनुभव हो गया था कि मजबूर लड़की को समय के हिसाब से बहुत कुछ करना पड़ता है।
आज मैं आपको अपनी रांड बनने की घटना ऑफिस सेक्स स्टोरी के रूप में लिख कर बताती हूँ।
यह बात उस समय की है, जब मैं 23 साल की बिल्कुल खिली हुई मस्त माल थी।
मेरी नौकरी एक प्राइवेट कम्पनी में लग गई थी।
मैं अपनी जॉब पर जाने लगी, लेकिन कम्पनी के बॉस की बुरी नजर मेरे छलकते यौवन पर ऐसी टिकी थी, मानो वो मुझे देख कर अपनी आंखों से ही मेरा बलात्कार करना चाहता हो।
मेरे केबिन में वो दिन में 10 बार आता था और ‘मोना ये, मोना वो … तू पहले ये कर दे।’ इस तरह से वो मुझे अपने ऑफिस में भी बुलाने लगा था।
एक दिन वो मुझे अपने केबिन में बुला कर कहने लगा- मोना, तुम अच्छा काम कर रही हो, मैं तुमसे बहुत खुश हूं। इसलिए तुम्हें ये गिफ्ट दे रहा हूँ।
मैंने मना नहीं किया क्योंकि वो बॉस था। मैंने थैंक्स कहा और अपने केबिन में आ गई।
अन्दर आकर मैंने गिफ्ट पैक खोला, तो उसमें आईफोन था। मैं आईफोन देख कर खुश हो गई कि इतना कीमती फोन मिला है।
लेकिन मैंने दिमाग लगाया कि इतना कीमती गिफ्ट देने के पीछे जरूर बॉस का कुछ और इरादा है।

मैं दिखने में एक हॉट सेक्सी गर्ल लगती थी। मेरी कमनीय काया ऐसी थी कि जिसको देख कर अच्छे से अच्छा मर्द भी पिघल जाए।
मेरे मम्मों का साइज़ 34 इंच का था और मेरे दूध एकदम कड़क थे। मैं यदि ब्रा भी नहीं पहनूं, तब भी मेरे दूध तने हुए दिखाई देते थे।
मेरा सेक्सी फिगर एकदम ऐसा था कि लड़के मेरी पीछे की फ़ोटो खींच कर उसे अकेले में देख कर मुठ मारा करते होंगे, ऐसा मुझे लगता था।
एक दिन मेरे घर से मेरी मां का फोन आया। उन्होंने कहा कि बेटी मैंने तुझे इतना पढ़ाया लिखाया। जब से तेरे पापा का स्वर्गवास हुआ, तबसे घर की कंडीशन ठीक नहीं है, अब तू घर पर कुछ ज्यादा पैसे भेज दिया कर बेटी!
मैंने उन्हें ढांढस बंधाया और फोन रख दिया।
उस रात को मेरे मन मष्तिष्क में मम्मी की कही बातें ही घूमती रहीं।
मैंने सोचा कि बॉस से प्रोमोशन की बात करूंगी और कहूंगी कि वो मेरी सैलरी बढ़ा दें।
उधर घर पर मां मेरे रिश्ते की बात भी करने लगी थीं।
कुछ ही दिनों में राहुल नाम के लड़के से मेरी शादी फिक्स भी हो गई।
मेरी शादी 6 महीने बाद थी।
राहुल भी हैदराबाद में अपना बिजनेस करता था।
उससे मेरी एक दो बार मुलाकात हुई … लेकिन मेरा प्यार से भरोसा उठ गया था … क्योंकि मेरे कॉलेज ब्वॉयफ्रेंड ने मेरे साथ बहुत गलत किया था।
उसने मुझे प्यार का झांसा दे दे कर दो साल तक मेरा शोषण किया था। वो मुझे खूब चोदता रहा था। तभी से ही मैंने न कभी ब्वॉयफ्रेंड बनाने की सोची और न कुछ।
जब भी मेरा सेक्स करने का मन होता था, तो कॉलब्वॉय को बुक करके चुद लिया करती थी।
जिस वजह से मेरे बूब्स और मेरा फिगर बहुत ही मस्त हो गया था।
मेरे इसी कामुक फिगर की वजह से मेरा बॉस मुझे देख देख कर अपनी वासना बुझाया करता था।
दूसरे दिन मैं बॉस के केबिन में गई और उनसे अपनी सैलरी बढ़ाने की ओर प्रोमोशन की बात की।
बॉस ने कहा- यह अभी नहीं हो सकता है।
मेरे बॉस का नाम मयंक था। उनकी उम्र 28 साल थी। उनका कद 5 फुट 6 इंच का था और उनकी बॉडी एकदम हट्टी-कट्टी थी। देखने में मयंक सर बहुत हैण्डसम थे।
उनकी शादी हो चुकी थी और उनकी बीवी बहुत सुंदर थी। वो फिलहाल 6 महीने के गर्भ से थी। जिस वजह से बॉस को अपनी वाइफ की चूत चोदने नहीं मिल रही थी।
मैंने बॉस से आग्रह किया, तो उन्होंने कहा- बढ़ा तो दूंगा, लेकिन मेरी एक शर्त है।
मैंने कहा- क्या?
बॉस बोले- मैं तुम्हें अपनी सेकेट्री भी बना दूंगा और बहुत अच्छा पैकेज दूंगा, लेकिन इसके लिए तुम्हें मुझे खुश करना पड़ेगा।
मैं समझ तो गई थी कि बंदा मुझे चोदना चाहता है।
मगर तब भी मैंने बॉस की टेबल पर हाथ रख कर झुक कर मुस्कुराते हुए पूछा- आपकी खुशी के लिए मुझे क्या करना पड़ेगा?
बॉस ने मेरी मस्त चूचियों को देखते हुए कहा कि तुमको तो मैंने बताया ही था कि तुम्हारी मेम प्रेग्नेंट है, इसलिए में अपने लंड को उसकी सुरंग में नहीं घुमाने ले जा पा रहा हूँ। यदि तुम्हें अच्छी सैलरी ओर अच्छी जगह चाहिए, तो तुम मेरी पत्नी की कमी पूरी कर दो।
उनके मुँह से मैंने लंड सुना तो मुझे अन्दर से सिहरन सी हो गई।
मैंने आंखें झुका कर कहा- सर आपका मतलब ये कि मुझे आपके साथ सोना पड़ेगा … सेक्स करना पड़ेगा!
उन्होंने आंख दबाते हुए कहा- तुम काफी समझदार हो … अब फैसला तुम्हारे हाथों में है।
मैं सोच में पड़ गई। फिर मैंने सोचा कि कॉलब्वॉय से अच्छा है कि बॉस से ही चुद लूं। उधर पैसे खर्च करने पड़ते हैं और इधर तनख्वाह भी बढ़ जाएगी और प्रोमोशन भी मिल जाएगा।
मैंने कुछ नखरे करते हुए बॉस से कहा- सर, मेरी शादी होने वाली है, आप ऐसा मत कहिए। आप और कुछ करने को कहिए, मैं मान जाऊंगी।
मगर उन्होंने मुँह बनाकर कहा- तुम ये सब कर सकती हो तो बताओ, नहीं तो ऐसे ही सड़ती रहो।
मैंने थोड़ी देर सोचने के बाद हां कर दिया।
बॉस खुश होकर मेरे पास नजदीक आ गए। उन्होंने मेरी आंखों में देख कर एक किस की मुद्रा में अपने होंठ गोल किए।
फिर मुझे अपनी बांहों में लेकर किस करके बोले कि मोना बेबी कल से तुम ऑफिस से छुट्टी ले लो, कुछ दिन और रात तुम मेरे दूसरे बंगले पर रहोगी।
मैंने पूछा- सर वो तो मैंने देखा ही नहीं!
बॉस ने मुझे एक कागज पर पता लिख कर देते हुए कहा- लो, तुम कल इस एड्रेस पर आ जाना।
अब मैं अपना प्रोमोशन करवा चुकी थी। बस अब मेरे जिस्म को लूटा जाना बाकी था। मैं जानती थी कि बॉस मुझे चोद कर ही मानेगा।
ये सब बातें मैंने अपने मंगेतर को नहीं बताईं और मैं खुद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कंडोम के दो पैकेट लेकर बॉस के पास उनके बंगले पर चली गई।
मैं अपने साथ एक गर्भ निरोधक टेबलेट भी ले गई थी क्योंकि बॉस यदि कंडोम लगा कर मेरी चुदाई करने से मना कर देता, तो मुझे अपनी सुरक्षा के लिए ये गोली काम में आने वाली थी।
मैं जब बॉस के बताए पते पर पहुंची, तो बॉस उधर पहले से ही पहुंच चुके थे।
उन्हें फोन लगाया मैंने तो उन्होंने अन्दर आने का रास्ता बता दिया।
मैंने अन्दर जाकर उनसे ‘हाय सर ।।’ कहा।
वे अपने सामने दारू की बोतल खोल कर बैठे थे और एक पैग लेकर व्हिस्की की चुस्कियां ले रहे थे।
उन्होंने पूरा गिलास एक ही घूँट में खाली किया और मुझे देखते हुए कहा- मोना मैं आज से तुम्हारे लिए सिर्फ मयंक हूँ। मुझे सर या बॉस मत कहना।

मैंने हंस कर उन्हें ओके कहा।
बॉस ने एक दूसरे गिलास में पैग बना कर मुझे दे दिया और खुद का गिलास फिर से भर लिया।
मैंने गिलास ले लिया और पैग से एक सिप लिया … लेकिन तब तक बॉस ने 2 पैग और बना कर खींच लिए थे।
बॉस ने कहा- मोना डार्लिंग, मैं तुम पर पूरी जायदाद लुटा दूंगा, तुम मुझे बहुत पसंद हो।
मैं उस टाइम बॉस की दी हुई ड्रेस पहन कर आई थी। बॉस ने मुझे हाथ बढ़ा कर अपने पास खींचा और गोद में बिठा कर कहने लगे- जान अब तुम मुझे खुश करो।
बॉस ने मेरे हाथ पकड़ लिए और मेरे पीछे हाथ करके मेरी चैन टटोलने लगे।
मैंने कहा- मयंक ऐसी भी जल्दी क्या है। थोड़ी देर रुको न।
वो रुक गए।
अब बॉस ने मेरे होंठों को किस करना शुरू कर दिया। मैं अपने सौदे में बंधी थी, इसलिए आज मेरा काम एक कॉलगर्ल की तरह था।
बॉस ने मेरे हाथों को पीछे करके अपने एक हाथ में पकड़ लिए और अपने दूसरे हाथ से मेरी चैन पूरी खोल दी।
फिर आगे हाथ करके मेरे टाइट स्तनों को ऊपर से ही दबाने लगे।
मेरी ड्रेस अभी पूरी तरह से उतरी नहीं थी तो वो ड्रेस के ऊपर से ही मेरे दूध दबा दबा कर मुझे मीठा दर्द देने लगे।
मैंने कहा- मयंक, पहले मेरी ड्रेस अलग कर दो … ये मुझे चुभ रही है।
उन्होंने मुझे गोद में बिठाए हुए ही ड्रेस अलग कर दी।
अब मैं ब्लू कलर की ब्रा और पैंटी में उसकी गोद में एक कमसिन लौंडिया की तरह बैठी थी।
उन्होंने मुझे किस करते हुए मेरे मम्मों को दबाना चालू कर दिया। फिर आराम आराम से मेरी ब्रा के हुक खोल कर ब्रा अलग कर दी।
मेरे मम्मे हवा में फुदकने लगे थे। मेरे दोनों मम्मे उसके सामने आजाद थे। मेरे मम्मों के निप्पलों को वो वासना से देखने लगे। मेरे निप्पल गुलाबी रंग के थे और एकदम तने हुए थे। मैं भी अब नशे में आ गई थी और उनको रोकना नहीं चाहती थी। मैं भी गर्म होने लगी।
बॉस के कहने पर मैंने उनकी शर्ट और पैंट उतारनी शुरू की और उन्हें चड्डी में कर दिया।
उनका लंड मुझे ऊपर से ही साफ साफ खड़ा दिख रहा था।
मेरे आधे हाथ बराबर मयंक का लंड चड्डी फाड़ने में लगा था। मैं बॉस की गोद में बैठ कर उनको किस किए जा रही थी।
फिर उन्होंने मुझे सोफे पर ही चित लिटा दिया और मेरे दोनों मम्मों को बारी बारी से पीने लगा और काटने लगा।
मुझे वासना वाला मीठा दर्द हो रहा था।
उनके दांत मेरे निप्पल को खींचते तो मैं ‘उई मां ।।’ कह कर चिल्ला देती, लेकिन मैं बॉस को रोकना नहीं चाहती थी क्योंकि मैं खुद चुदास से तड़फ रही थी।
बॉस के सामने मैं सिर्फ पैंटी में लेटी हुई थी। उन्होंने मेरे मम्मों पर बाईट लेकर निशान बना दिए और उन्हीं निशानों को अपनी जीभ से चाटने लगे।
मैं चुदने के लिए एकदम गर्म हुए जा रही थी। मेरा मन और मेरी चूत लंड मांग रहे थे।
थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरी पैंटी को भी उतार दिया।
अब मैं पूरी नंगी अपनी आंखें बंद किए लेटी थी। मेरी सफाचट चूत उनके सामने थी।
चुत पर झांटों का कोई निशान नहीं था। मेरी गोरी चुत एकदम बेदाग़ उनके लंड के हमले के लिए लुपलुप कर रही थी।
उन्होंने मुझसे मेरी चूत की सुंदरता की तारीफ़ करते हुए एक 2000 हजार का नोट निकाला और चुत के पानी को पौंछ कर उसकी न्योछावर करके मुझे दे दिया।
मैं समझ गई थी कि बॉस तो केवल छेद के भूखे हैं, मौका सही है … इनसे इस समय बहुत कुछ लूटा जा सकता है।
बॉस ने मेरी चूत पर 4-5 बार अपने हाथ को फेर कर मेरी चूत को और भी ज्यादा रुला दिया।
मैंने कहा- जान … मेरी चूत को आपने कितना रुला दिया है, पहले इसे किसी कागज से पौंछ तो दो।
वो समझते हुए बोले- गुलाबी रंग के कागज़ से?
मैंने मुस्कुराते हुए कहा- एक कागज से पूरी साफ़ नहीं हो सकेगी, इसके लिए कुछ ज्यादा कागज़ इस्तेमाल करने होंगे।
बॉस ने दो हजार के पांच नोट मेरी चुत की फांकों में फंसा दिए। मैंने झट से नोट खींच कर अपनी ड्रेस के पास फेंक दिए।
अब मेरी चुत की फांकें बॉस के लंड लिए बिल्कुल रेडी थीं।
चूंकि मैं पिछले एक महीने से किसी कॉलब्वॉय से भी नहीं चुदी थी इसलिए मेरी चुत में लंड के लिए आग धधक रही थी।
एक महीने पहले अनुज नाम के एक कॉलब्वॉय ने पूरी रात मेरी चूत चोदी थी। उसके लम्बे काले लंड ने मेरी आखिरी बार चुदाई की थी। उस चुदाई की वजह से मैं 5 दिन तक बीमार रही थी। उसके बाद मैंने फिर किसी लड़के को बुलाया ही नहीं।
शायद आपको मालूम न हो, लेकिन मैं जानती हूँ कि कॉलब्वॉय अक्सर ड्रग्स और गोली लेकर चोदते हैं।
मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था।
इधर बॉस ने मेरी चूत में हथेली से चपत मार मार कर उसे थोड़ी सी फैला दी, फिर अपनी जीभ से चुत चूसने लगे।
मैं उन्हें रोकने लगी, लेकिन वो नहीं माने और मुझे जीभ से ही चोदने लगे।
मैं ‘आआह उईईई ऊऊउ उफ्फ ।।’ करके उनके बालों को पकड़ कर खींच रही थी।
दस मिनट तक ऐसे ही चुत चूसने के बाद मुझे एकदम से अकड़न हुई और मैं भलभला कर झड़ गई और शिथिल होकर लेट गई।
बॉस ने मेरी चुत का सारा रस चाट लिया और उठ कर एक कपड़े से मेरी चूत साफ कर दी।
अब मेरी चुदाई की बारी थी।
फिर बॉस ने एक पैग बनाया और पूरा खींच कर अपनी चड्डी उतार दी।
मैंने उनके लंड को देखा, तो हैरान हो गई। उनका लंड एकदम भुजंग काला और बहुत मोटा लम्बा था। मैंने पहली बार इतना बड़ा लंड सामने देखा था।
तभी बॉस ने मेरी आंखों के डर को पढ़ लिया और कहा- परेशान मत हो मोना। मैंने लंड की सर्जरी कारवाई है, इसी वजह से मेरा लंड ऐसा है। मगर ये चुत को बहुत मजा देता है।
उन्होंने मुझसे लंड चूसने को कहा।
पर मैंने मना कर दिया।
बॉस ने तुरंत मुझे 20 हजार रूपये का चैक देकर कहा कि ये लो, लंड चूसने के पैसे ले लो, लेकिन मेरे लंड को चूसो जरूर।
मैंने एकदम से चैक पकड कर को अपनी ड्रेस के पास रख दिया।
वैसे तो इसके पहले भी मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड का लंड चूस चुकी थी, इसलिए मैंने जल्दी ही हाँ कर दी।
वो सोफे पर बैठ गए और मुझे अपने पैरों के बीच में बिठा कर अपने लंड को मेरे मुँह के सामने रख दिया।
उन्होंने मेरे हाथ में अपने शेर को पकड़ा दिया।
मैंने उनके गर्म लंड को महसूस किया … लंड एकदम कड़क था और मेरे एक हाथ में सही से नहीं आ रहा था।
उन्होंने मुझसे कहा- शुरू हो जाओ।
मैंने बगल में दारू की बोतल उठा कर उनके लंड को शराब से नहला दिया।
इस से बॉस को मजा गया।
मैंने लंड दारू से गीला करके चाटना शुरू कर दिया।
उन्होंने थोड़ी देर बार अपने आधे लंड को मेरे मुँह में ठूंस दिया।
मोटा होने के कारण लंड सही से मुंह के अन्दर नहीं जा रहा था। लेकिन उन्होंने मेरे बाल पकड़ कर सर दबा कर लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।
अब मैं जबरदस्ती लंड को मुँह के अन्दर लेकर चूस रही थी।
उन्होंने सोफे में मेरा सर रखा और खुद खड़े हो गए। लंड पर दारू टपकाई और मेरा सर पकड़ कर धक्के देने लगे।
मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे। उनका काला लंड मेरे गले तक जाता … फिर बाहर आता तो बॉस उस पर शराब गिरा देते … फिर और तेजी से अन्दर पेल देते। वो तो मेरा मुँह चूत की तरह चोदे जा रहे थे।
मैं रोने लगी।
फिर उन्होंने रुक कर लंड बाहर निकाला और मुझे बेड पर लिटा दिया।
अब तक करीब दोपहर के दो बजे का टाइम हो चुका था। उन्होंने दो पैग और लगाए और मेरे ऊपर आकर चढ़ गए।
उन्होंने किस करके कहा- मोना, अब लंड के मजा लो।
मैंने भी मना न करते हुए कहा- देखती हूं कितना दम है!
मैंने यह बात बिना दिमाग लगाए कह दी थी।
मुझे लगा था कि वो दारू में ज्यादा लोड थे, इसलिए शायद ज्यादा देर तक न चल पाएं।
मगर मुझे ये बात नहीं मालूम थी कि दारू पीने के बाद मर्द ओर जबरदस्त चुदाई करता है।
उन्होंने हंसकर मुझे एक चपत मारी और लंड पर थोड़ी से चिकनाई लगा कर लंड को चूत पर फेरने लगे।
मैं सुपारे की गर्मी से मस्त होने लगी। मुझे भी दारू का नशा हो गया था, तो मेरी गांड बार बार उठ कर लंड को लीलने की कोशिश कर रही थी।
उन्होंने अचानक से जोर लगाया और लंड चुत में पेल दिया।
मेरी चुत टाइट होने की वजह से मैं चिल्ला उठी। मुझे बेहद दर्द होने लगा था। मेरा सारा नशा हिरन हो गया था।
मैं बुक्का फाड़ कर रोने लगी और बस यही कहे जा रही कि बस करो सर … अब मर जाएगी आपकी मोना … नहीं सर आज के बाद कभी यह नहीं कहूँगी … प्लीज़ छोड़ दो सर, मैं मरी जा रही हूँ।
वो हंसने लगे और बोले- साली बड़ी चैलेन्ज दे रही थी, क्या हुआ तेरी चुत फट गई क्या?
मैंने हाथ जोड़ कर उनसे माफ़ी मांगी और लंड निकाल लेने के लिए कहा।
वो रुक तो गए थे लेकिन वो लंड निकालने से मना करने लगे और बोले- तुझे आज कैसे छोड़ सकता हूँ मोना डार्लिंग … तुझे चोदने के लिए ही तो बुलाया है।
अब वो आराम आराम से मेरी चुदाई करने लगे। अपने मोटे मूसल लंड को चुत में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगे।
मैं उस समय दर्द की पीड़ा में मर रही थी और कहे जा रही थी कि सर रुक जाओ सर … प्लीज़ बाहर निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है आआह उफ्फ्फ ईईई निकाल लो। आपका बहुत बड़ा है।
दोस्तो, एक लड़की के चुदने का दर्द केवल लड़की ही समझ सकती है। यदि कोई लड़की कहानी पढ़ रही होगी, तो वो अनुमान लगा सकती है कि कितना ज्यादा दर्द होता है, जब कोई मर्द चूत में लंड डालता है और उसके हाथों में लड़की के दोनों दूध हों … या उसके हाथ कमर जकड़े हुए हों। उस वक्त लड़की ‘रुक जाओ रुक जाओ ।।’ की भीख ही मांगती है।

ऐसा ही मेरे साथ हो रहा था। मयंक सर ड्रिंक में इतने ज्यादा लोड थे कि मेरी बात और मेरा दर्द समझ नहीं पा रहे थे। मैं मोटे लंड के दर्द से रो रही थी। उनका लंड बहुत ही ज्यादा बड़ा था। मेरी चूत में उनका लंड पूरा नहीं जा सका था।
आखिर मैंने उनसे चिल्ला कर कह दिया- रुक जाओ मयंक
दोस्तो, दारू में मर्द अपना होश खो देता है और लड़ने को घूमता फिरता है।
उन्होंने मेरे चिल्लाने को गलत समझ लिया और वो मुझे जोर ज़ोर से चोदने लगे।
उनके हाथ में मेरे दोनों दूध थे जिन्हें वो पूरी ताकत से मसल रहे थे। इससे मुझे दर्द और होने लगा।
अब उन्होंने मेरे पैर हवा में उठा दिए और दोनों हाथों से पैर फैला कर पकड़ लिया। लंड चुत में रख कर ताबड़तोड़ धक्के देने लगे।
वो अब बिल्कुल चिपक कर मुझे चोदने लगे थे। इस आसन में उनका लंड पूरा अन्दर घुस गया। मैं लंड की नोक को अपनी बच्चेदानी में रगड़ता हुआ महसूस कर रही थी।
‘अअह उईईई ऊऊऊ रुक जाओ इओयू ऊऊउ ईईई उफ्फ मेरी फट गई … आज तो मैं मर ही जाऊंगी … आह आज हैवान चढ़ गया है उई अम्मा मैं मर गई आज तो आह छोड़ दो प्लीज़।’
मगर मयंक तो एक कामांध और हब्शी मर्द की तरह मुझे चोद रहे थे।
कुछ बीस मिनट में मैं दो बार झड़ चुकी थी जिस वजह से मेरी चुत ने काफी पानी छोड़ दिया था।
चिकनाई भी खूब हो गई थी और चुत ने लंड को झेल भी लिया था। तो मुझे भी अब मजा आने लगा और मेरा दर्द भी कम हो गया था।
कुछ देर इसी पोजीशन में चोदने के बाद बॉस ने मुझे अपनी गोदी में ले लिया और लंड के ऊपर बिठा कर मुझसे गांड उचकाने को कहा।
मैं न जाने कितनी देर तक अपनी गांड उचका उचका कर बॉस से चुदती रही। फिर कुछ ही समय बाद हम दोनों झड़ गए।
अब 4 बज चुके थे। मयंक सर भी बहुत थक गए थे और मैं अपनी चूत को बार बार सहला रही थी … क्योंकि दर्द बहुत ज्यादा हो रहा था। मेरी चुत चिनमिना रही थी।
हम दोनों शांत लेटे रहे, पता नहीं चला शाम के 8 कब बज गए।
उन्होंने खाना आर्डर किया और दारू के पैग बना लिए। हम दोनों ने दो दो पैग खींचे, तो मेरा दर्द कम होने लगा। मैं फिर से मस्त होने लगी थी।
फिर खाना आ गया तो उसे खाया और करीब दस बजे के करीब उन्होंने उठकर कोई गोली खाई और एक एडवांटेज-72 मुझे दे दी। अब मैं नहीं जानती थी कि क्या होगा।
कुछ ही देर में बॉस एकदम से जोश में आ गए। उन्होंने मुझे खींच लिया और इस बार वो मुझे पकड़ कर मेरी चूत पर लंड लगाने लगे। मैंने उन्हें रोक कर कंडोम लगाया।
फिर उन्होंने मुझे बहुत तेज चोदा। पता नहीं उन्होंने क्या खाया था कि मुझे सुबह 5 बजे तक चोदते रहे।
बॉस ने मुझे तीन बार अपने वीर्य से नहलाया और दो बार मेरी चूत में ही कंडोम फाड़ दिया, जिससे लंड का पूरा वीर्य मेरी चूत पी गई।
बॉस की इस चुदाई से मैं खुश थी। उन्होंने मुझे पूरा मन लगा कर चोदा था।
बॉस ने कहा- मोना रानी मेरे लंड का दम देख लिया!
मैंने बॉस से सॉरी कहा और बोली- आपका लंड जंगली शेर की तरह है और एक मोटे अजगर की तरह है। ये अपना बिल बड़ा करके ही माना।
बॉस ने मुझे बाथरूम में जाने को कहा।
मैं जा रही थी, तो लड़खड़ा कर गिर पड़ी। मुझे दर्द बहुत ज्यादा हो रहा था … मैं चल ही नहीं पा रही थी।
ये देख कर बॉस ने अपनी गोद में उठा कर मुझे खूब नहलाया। फिर उन्होंने मुझे बाथरूम में ही फर्श पर लिटा कर देर तक चोदा।
इसके बाद खाना हुआ। बॉस ने गोली खा कर देर तक खिड़की और झूले पर चोदा।
उस दिन बॉस ने मुझे पक्की रांड बना दिया था … उनका जहां मन होता, चोदने लगते।
मैं भी उनके लंड की फैन हो गई थी तो उनका विरोध नहीं कर रही थी।
मगर इतनी तगड़ी चुदाई के बाद मेरी हालत बिगड़ गई थी।
बॉस ने मेरे कपड़े अल्मारी में रख कर ताला लगा दिया था, जिसकी वजह से मैं उनके बंगले पर दो दिन तक नंगी एक रांड की तरह रही।
बॉस ने दूसरे दिन की रात में भी मुझे एक भूखे मर्द की तरह चोदा।
वे बिल्कुल मान ही नहीं रहे थे।
करीब एक हफ्ते तक बॉस ने मुझे बंगले में ही रखा और एक हफ्ते तक मेरी चुत का भोसड़ा बनाते रहे।
उसके बाद बॉस ने मेरा घर पर ही ट्रीटमेंट कर दिया।
मेरा मुँह लाल हो गया था, दूध ढीले पड़ गए थे और चूत फ़ैल कर भोसड़ा बन गई थी।
मैंने अपने मंगेतर को इस सबके बारे में नहीं बताया।
मैं बॉस के बंगले से अपने घर चली गई और दो हफ्ते के रेस्ट के बाद ही ऑफिस गई।
फिर मैं बॉस की रोज की जरूरत बन गई, जिसकी वजह से बॉस का मुझे चोदने का जब मन होता, तब होटल में रूम बुक करते और मुझे ले जाकर खूब चोदते।
कभी कभी बॉस ने अपने ऑफिस में बाथरूम में मुझे ले जाकर अपने मूसल लंड से चोद कर मजा दिया।
लेकिन उन्होंने मुझे पैसे बहुत दे दिए थे, जिसकी वजह से मैं चुदने में दुखी नहीं होती।
बाद में मेरे बॉस ने मुझे एक घर भी गिफ्ट में दिया, जिसमें मैं अपने मंगेतर और बॉस दोनों से चुदने लगी।
बॉस का लंड मुझे जिंदगी की सभी खुशी देता था। जब बॉस चोदते थे तो मैं दिन में चुदवा कर तारे देखती थी। मेरे मंगेतर का लंड छोटा होने की वजह से मैं उनसे चुदने में ज्यादा रुचि नहीं रखती थी।
शादी के एक साल के बाद भी मुझे अपने पति का बच्चा नहीं हो रहा था … तो मैं अपने बॉस से चुद कर प्रेग्नेंट हो गई।
उनके एक बच्चे की मां भी बनी।
फिर बॉस मुझे बहुत प्यार करने लगे थे और मैं भी उनको जान से ज्यादा चाहने लगी थी।
हमारा अफ़ेयर 5 साल तक चलता रहा। बाद में मैंने बॉस की एक लड़की को भी जन्म दिया। मेरे पास मेरे मयंक की दो निशानियां हो गई थीं, जिनसे वो भी बहुत प्यार करते थे।
अब मेरे बॉस मयंक की पत्नी से ज्यादा उनके लंड पर मेरा अधिकार था।
मेरे पति घर में एक कमरे में सोते रहते थे और बॉस मुझे रोज चोदने घर आया करते थे।
मैंने ऑपरेशन करवा लिया था। अब मैं निश्चिन्त हो गई थी।
फिर सब ऐसे ही चलता रहा।